Skip to main content

Padam Prabhu Chalisa | Padam Prabhu Chalisa Lyrics | पदम प्रभु चालीसा

Padam Prabhu Chalisa | पदम प्रभु ( पद्मप्रभ ) चालीसा | Padam Prabhu Chalisa Lyrics 

Here we have provided full lyrics of Jain Chalisa Shri Padam Prabhu ( पदम प्रभु ) Chalisa in Hindi language. We are providing here all Jain Related Content and Information for Jain Community. 

Padam Prabhu Chalisa 

पदम प्रभु ( पद्मप्रभ ) चालीसा full lyrics in Hindi are as given below -

( पदम प्रभु चालीसा प्रारंभ )

( दोहा )

शीश नवा अरिहंत को सिद्धन करुं प्रणाम |
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम ||
सर्व साधु और सरस्वती जिन मन्दिर सुखकार |
पद्मपुरी के पद्म को मन मन्दिर में धार ||

( चौपाई )

जय श्रीपद्मप्रभु गुणधारी, भवि जन को तुम हो हितकारी |
देवों के तुम देव कहाओ, पाप भक्त के दूर हटाओ ||
तुम जग में सर्वज्ञ कहाओ, छट्टे तीर्थंकर कहलाओ |
तीन काल तिहुं जग को जानो, सब बातें क्षण में पहचानो ||
वेष दिगम्बर धारणहारे, तुम से कर्म शत्रु भी हारे |
मूर्ति तुम्हारी कितनी सुन्दर, दृष्टि सुखद जमती नासा पर ||
क्रोध मान मद लोभ भगाया, राग द्वेष का लेश न पाया |
वीतराग तुम कहलाते हो, ; सब जग के मन को भाते हो ||
कौशाम्बी नगरी कहलाए, राजा धारणजी बतलाए |
सुन्दरि नाम सुसीमा उनके, जिनके उर से स्वामी जन्मे ||
कितनी लम्बी उमर कहाई, तीस लाख पूरब बतलाई |
इक दिन हाथी बंधा निरख कर, झट आया वैराग उमड़कर ||
कार्तिक वदी त्रयोदशी भारी, तुमने मुनिपद दीक्षा धारी |
सारे राज पाट को तज के, तभी मनोहर वन में पहुंचे ||
तप कर केवल ज्ञान उपाया, चैत सुदी पूनम कहलाया |
एक सौ दस गणधर बतलाए, मुख्य व्रज चामर कहलाए ||
लाखों मुनि आर्यिका लाखों, श्रावक और श्राविका लाखों |
संख्याते तिर्यच बताये, देवी देव गिनत नहीं पाये ||
फिर सम्मेदशिखर पर जाकर, शिवरमणी को ली परणा कर|
पंचम काल महा दुखदाई, जब तुमने महिमा दिखलाई ||
जयपुर राज ग्राम बाड़ा है, स्टेशन शिवदासपुरा है |
मूला नाम जाट का लड़का, घर की नींव खोदने लागा ||
खोदत-खोदत मूर्ति दिखाई, उसने जनता को बतलाई |
चिन्ह कमल लख लोग लुगाई, पद्म प्रभु की मूर्ति बताई ||
मन में अति हर्षित होते हैं, अपने दिल का मल धोते हैं |
तुमने यह अतिशय दिखलाया, भूत प्रेत को दूर भगाया ||
भूत प्रेत दुःख देते जिसको, चरणों में लेते हो उसको |
जब गंधोदक छींटे मारे, भूत प्रेत तब आप बकारे ||
जपने से जब नाम तुम्हारा, भूत प्रेत वो करे किनारा |
ऐसी महिमा बतलाते हैं, अन्धे भी आंखे पाते है ||
प्रतिमा श्वेत-वर्ण कहलाए, देखत ; ही हिरदय को भाए |
ध्यान तुम्हारा जो धरता है, इस भव से वह नर तरता है ||
अन्धा देखे, गूंगा गावे, लंगड़ा पर्वत पर चढ़ जावे |
बहरा सुन-सुन कर खुश होवे, जिस पर कृपा तुम्हारी होवे||
मैं हूं स्वामी दास तुम्हारा, मेरी नैया कर दो पारा |
चालीसे को ‘चन्द्र’ बनावे, पद्म प्रभु को शीश नवावे ||


सोरठाः-

नित चालीसहिं बार, पाठ करे चालीस दिन |
खेय सुगन्ध अपार, पद्मपुरी में आय के ||
होय कुबेर समान, जन्म दरिद्री होय जो |
जिसके नहिं सन्तान, नाम वंश जग में चले ||

If you want to read All Jain Tirthankar Chalisa then you can simply Click Here which will redirect you to all Jain Tirthankar Chalisa Page.
You can read Barah Bhavna lyrics by simply Clicking Here
You can also read Meri Bhavna Lyrics simply by Clicking Here
Hopefully this Article will be helpful for you. Thank you 

Popular posts from this blog

Chattari Mangalam lyrics | चत्तारि मंगल पाठ | Namokar Mantra

Namokar Mantra | Navkar Mantra | Namokar Mantra Chattari Mangalam Jain Namokar Mantra or Navkar Mantra or Namokar Mahamantra with Chattari Mangalam, Arihant Mangalam. Here we have given it below in Hindi, Prakrit and English Lyrical Languages If you are Interested to read 24 Jain Tirthankar Argh of each separate one then you can simply  Click Here   Chattari Mangalam arihanta mangalam Namokar Mantra Chattari Mangalam full lyrics is as given below -  णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं चत्तारिमंगलम अरिहंत मंगल़, सिद्ध मंगलं, साहु मंगलं, केवलीपण्णत्तो धम्मो मंगलं। चत्तारि लोगुत्तमा अरिहंत लोगुत्तमा, सिद्ध लोगुत्तमा, साहु लोगुत्तमा, केवलीपण्णत्तो धम्मो लोगुत्तमा। चत्तारि सरणं पव्वज्जामि अरिहंत सरणं पव्वज्जामि, सिद्ध सरणं पव्वज्जामि, साहु सरणं पव्वज्जामि, केवलीपण्णत्तो धम्मो सरणं पव्वज्जामि। Chattari Mangalam lyrics in Hindi  Namokar Mantra Cha...

गौतम गणधर चालीसा | Jain Gautam Ganadhar Chalisa

गौतम गणधर चालीसा |  Gautam Ganadhar Chalisa Jain Chalisa Shri Gautam Ganadhar Swami (गौतम गणधर) Chalisa full lyrics in Hindi for Jain people.  On this site we upload all type of Jainism related content and information for Jain Community.  If you are interested to read Any of Jain Tirthankar Chalisa then you can simply  Click Here  then you will be redirect to all Jain Tirthankar Chalisa Page and then you can read any of them.  गौतम गणधर चालीसा | Jain Gautam Ganadhar Chalisa  Shri Gautam Ganadhar Chalisa ( गौतम गणधर चालीसा) full in Hindi - (श्री गौतम गणधर चालीसा प्रारंभ) दोहा - वंदूँ वीर जिनेन्द्र को, मन वच तन कर शुद्ध। उनके गणधर शिष्य को, नमूँ हृदय कर शुद्ध।।१।। श्री गौतम गणधर हुए, गणनायक मुनिराज। जिनकी वाणी सुन बने, अन्य बहुत मुनिराज।।२।। उन गणधर भगवान का, चालीसा सुखकार। है सम्यक् श्रुतज्ञान का, यह भी इक आधार।।३।। चौपाई - जय हो वीतराग प्रभु वाणी, वीर दिव्यध्वनि जगकल्याणी।१।। बने नाथ जब केवलज्ञानी, समवसरण रचना के स्वामी।।२।| दिव्यध्वनी जब ...

Kshetrapal Bhairav Aarti | Kshetrapal Baba ki Aarti | Kshetrapal Aarti

Kshetrapal Bhairav Aarti | Kshetrapal Baba ki Aarti in Hindi | क्षेत्रपाल बाबा की आरती Here we have provided full Aarti of Shri Kshetrapal Bhairav Baba in Hindi Language for which you are looking for. Kshetrapal baba ki Aarti, Kshetrapal Bhairav Aarti, क्षेत्रपाल बाबा की आरती, Kshetrapal dada ni Aarti all of this search result is Here. क्षेत्रपाल बाबा की आरती, क्षेत्रपाल आरती Kshetrapal Baba ki Aarti in Hindi Lyrics is as given below - करूं आरती क्षेत्रपाल की, जिन पद सेवक रक्षपाल की । विजयवीर अरु मणिभद्र की, अपराजित भैरव आदि की ।। करूं आरती क्षेत्रपाल की, जिन पद सेवक रक्षपाल की। ।   शिखर मणिमय मुकुट विराजै, कर में आयुध त्रिशुल जुराजै। कूकर वाहन शोभा भारी, भूत – प्रेत दुष्टन भयकारी ।। करूं आरती क्षेत्रपाल की, जिन पद सेवक रक्षपाल की ।। लंकेश्वर ने ध्यान जो कीना, अंगद आदि उपद्रव कीना । जभी आपने रक्षा कीनी, उपद्रव टारि शांतिमय कीनी ।। करूं आरती क्षेत्रपाल की, जिन पद सेवक रक्षपाल की ।।   जिन भक्तन की रक्षा करते, दुःख दारिद्र सभी भय हरते । पुत्रादि वांछा पूरी करते, मनोकामना पूरी करत...