Skip to main content

Sambhavnath Chalisa Lyrics by Aaryika shri Chandanamati Mataji | संभवनाथ चालीसा

Shri Sambhavnath Chalisa | Sambhavnath Chalisa by Aaryika shri Chandanamati Mataji in Hindi 

Full lyrics of Shri Sambhavnath bhagwan Chalisa in Hindi with Doha, Chaupai, and Shambhu Chhand written by ( गुरुभक्त शिरोमणि मात चन्दनामति जी ) Jain stuti, jain stavan and jain bhajan.

Shri Sambhavnath Chalisa Lyrics in Hindi 

Sambhavnath Chalisa Lyrics in Hindi is as given below -

( श्री संभवनाथ चालीसा प्रारंभ )

दोहा -


श्री संभव जिनराज का, करने से गुणगान।
कोई असंभव कार्य भी, संभव हो तत्काल।।१।।
चालीसा का पाठ मैं, लिखना चाहूँ आज।
वागीश्वरि देवी[१]मुझे, दे दो आशिर्वाद।।२।।

चौपाई-


संभवजिन की भक्ती कर लो, 
भववारिधि से तिरना हो तो।।१।।

नगरी श्रावस्ती अति प्यारी, 

मात सुषेणा वहाँ की रानी।।२।।

पुण्यशालि पितु दृढ़रथराजा, 
जिनका नरभव सफल हुआ था।।३।।

संभव जिनवर ग्रैवेयक तज, 
आए मात गरभ में जिस दिन।।४।।

वह दिन फाल्गुन सुदि अष्टमि का, 
शुभ मंगलमय पावन क्षण था।।५।।

कार्तिक पूर्णा में प्रभु जन्मे, 
कीर्ति सुरभि व्यापी तिहुँ जग में।।६।।

सोलह सौ कर तनु ऊँचाई, 
साठ लाख पूरब थी आयू।।७।।

जन्मत ही दश अतिशय प्रगटे, 
प्रभु को सुर-विद्याधर नमते।।८।।

राजा बनकर धर्मनीति से, 
राज्य किया बहु कुशलरीति से।।९।।

इक दिन मेघों का विभ्रम लख, 
प्रभु ने छोड़ दिया वैभव सब।।१०।।

दीक्षा के शुभ भाव हो गए, 
आत्मज्ञान से पूर्ण हो गए।।११।।

मगसिर शुक्ला पूर्णा तिथि में, 
दीक्षा ले ली थी प्रभुवर ने।।१२।।

ब्रह्मस्वर्ग के देवों ने फिर, 
आकर प्रभु की संस्तुति की थी।।१३।।

माघ शुक्ल नवमी का वह दिन, 
अब तक उसको याद करें हम।।१४।।

समय बीतता गया बंधुओं! 
केवलज्ञान प्रगट हुआ प्रभु को।।१५।।

पौष शुक्ल एकादशि तिथि को, 
संभव प्रभु सर्वज्ञ हो गए।।१६।।

केवलज्ञान के भी दश अतिशय, 
प्रगटित होते हैं प्रभुवर के।।१७।।

इनके समवसरण में गणधर, 
सिंहसेन आदिक ऋद्धीधर।।१८।।

ध्वनि ॐकारमयी प्रभुवर की, 
खिरती है तीनों संध्या में।।१९।।

समवसरण में पशु भी आते, 
प्रभु की वाणी समझ वे जाते।।२०।।

देवरचित चौदह अतिशय भी, 
होते हैं तीर्थंकर प्रभु के।।२१।।

कुछ अतिशय हम तुम्हें बताएँ, 
सुनकर ही हम पुण्य कमाएँ।।२२।।

प्रभु जब बन जाते हैं केवली, 
नेत्रों की पलकें नहिं लगतीं।।२३।।

नख अरु केश नहीं बढ़ते हैं, 
प्रभु नभ में ही गमन करते हैं।।२४।।

छाया नहिं पड़ती शरीर की, 
प्राणी हिंसा भी नहिं होती।।२५।।

प्रभु सब विद्याओं के स्वामी, 
हो जाते हैं अन्तर्यामी।।२६।।

प्रभु के चरण कमल के नीचे, 
देव स्वर्ण कमलों को रचते।।२७।।

प्रभुवर उस पर चरण न रखते, 
देव भक्तीवश ऐसा करते।।२८।।

नभ में जय-जय शब्द उचरते, 
सभी प्राणि आनन्दित रहते।।२९।।

ये कुछ अतिशय कहे हैं हमने, 
ज्यादा पढ़ लेना ग्रंथों में।।३०।।

आगे अब बतलाते हैं हम, 
संभवप्रभु को मोक्ष हुआ कब ?।।३१।।

चैत्र सुदी षष्ठी तिथि के दिन, 
शिवपद प्राप्त किया जिनवर ने।।३२।।

अश्व चिन्ह से सहित आप हैं, 
तपे स्वर्ण सम देहकान्ति है।।३३।।

पहुँच गए प्रभु सिद्ध शिला पर, 
शाश्वत सुख अरु शान्ति जहाँ पर।।३४।।

चाहे जहाँ रहो हे जिनवर! 
कृपा रखो अपने भक्तों पर।।३५।।

क्योंकि जिस पर कृपा नहीं है, 
वो प्राणी जग में न सुखी है।।३६।।

चूँंकी यह सच है भव्यात्मन्! 
कर्म ही सुख-दुख देते हर पल।।३७।।

फिर भी प्रभु की कृपादृष्टि से, 
हम अच्छे ही कर्म करेंगे।।३८।।

अच्छे कर्मों का अच्छा फल, 
निश्चित प्राप्त करेंगे हम सब।।३९।।

अब आगे क्या कहें ‘‘सारिका’’, 
हो गया पूरा ये चालीसा।।४०।।

शंभु छंद -


यह संभव प्रभु का चालीसा, पढ़ लेना तुम चालिस दिन तक।
इक-दो बार नहीं भव्यों! चालीस बार पढ़ना प्रतिदिन।।
चारित्रचन्द्रिका गणिनी ज्ञानमती माताजी की शिष्या।
गुरुभक्त शिरोमणि मात चन्दनामति जी प्रमुख प्रथम शिष्या।।१।।
उनकी दिव्यप्रेरणा से ही, पाठ रचा है ये हमने।
कभी नहीं सोचा था क्योंकी, इतनी बुद्धि कहाँ मुझमें।।
इसको पढ़ने से कार्य-असंभव भी, संभव हो जाएगा।
संभव जिनवर का वंदन भी, बेड़ा पार लगाएगा।।२।।
( समाप्त )

If you want to read All Jain Tirthankar Chalisa then you can simply Click Here which will redirect you to all Jain Tirthankar Chalisa Page.

If you are interested to read Original Sambhavnath Chalisa Lyrics in Hindi then you can simply Click Here

If you are interested to read Meri Bhavna Lyrics then you can simply Click Here.

If you want to read Shri Adinath Chalisa Lyrics then you can simply Click Here.

Hopefully this Article will be helpful for you. Thank you 

Popular posts from this blog

Chattari Mangalam lyrics | चत्तारि मंगल पाठ | Namokar Mantra

Namokar Mantra | Navkar Mantra | Namokar Mantra Chattari Mangalam Jain Namokar Mantra or Navkar Mantra or Namokar Mahamantra with Chattari Mangalam, Arihant Mangalam. Here we have given it below in Hindi, Prakrit and English Lyrical Languages If you are Interested to read 24 Jain Tirthankar Argh of each separate one then you can simply  Click Here   Chattari Mangalam arihanta mangalam Namokar Mantra Chattari Mangalam full lyrics is as given below -  णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं चत्तारिमंगलम अरिहंत मंगल़, सिद्ध मंगलं, साहु मंगलं, केवलीपण्णत्तो धम्मो मंगलं। चत्तारि लोगुत्तमा अरिहंत लोगुत्तमा, सिद्ध लोगुत्तमा, साहु लोगुत्तमा, केवलीपण्णत्तो धम्मो लोगुत्तमा। चत्तारि सरणं पव्वज्जामि अरिहंत सरणं पव्वज्जामि, सिद्ध सरणं पव्वज्जामि, साहु सरणं पव्वज्जामि, केवलीपण्णत्तो धम्मो सरणं पव्वज्जामि। Chattari Mangalam lyrics in Hindi  Namokar Mantra Cha...

गौतम गणधर चालीसा | Jain Gautam Ganadhar Chalisa

गौतम गणधर चालीसा |  Gautam Ganadhar Chalisa Jain Chalisa Shri Gautam Ganadhar Swami (गौतम गणधर) Chalisa full lyrics in Hindi for Jain people.  On this site we upload all type of Jainism related content and information for Jain Community.  If you are interested to read Any of Jain Tirthankar Chalisa then you can simply  Click Here  then you will be redirect to all Jain Tirthankar Chalisa Page and then you can read any of them.  गौतम गणधर चालीसा | Jain Gautam Ganadhar Chalisa  Shri Gautam Ganadhar Chalisa ( गौतम गणधर चालीसा) full in Hindi - (श्री गौतम गणधर चालीसा प्रारंभ) दोहा - वंदूँ वीर जिनेन्द्र को, मन वच तन कर शुद्ध। उनके गणधर शिष्य को, नमूँ हृदय कर शुद्ध।।१।। श्री गौतम गणधर हुए, गणनायक मुनिराज। जिनकी वाणी सुन बने, अन्य बहुत मुनिराज।।२।। उन गणधर भगवान का, चालीसा सुखकार। है सम्यक् श्रुतज्ञान का, यह भी इक आधार।।३।। चौपाई - जय हो वीतराग प्रभु वाणी, वीर दिव्यध्वनि जगकल्याणी।१।। बने नाथ जब केवलज्ञानी, समवसरण रचना के स्वामी।।२।| दिव्यध्वनी जब ...

Kshetrapal Bhairav Aarti | Kshetrapal Baba ki Aarti | Kshetrapal Aarti

Kshetrapal Bhairav Aarti | Kshetrapal Baba ki Aarti in Hindi | क्षेत्रपाल बाबा की आरती Here we have provided full Aarti of Shri Kshetrapal Bhairav Baba in Hindi Language for which you are looking for. Kshetrapal baba ki Aarti, Kshetrapal Bhairav Aarti, क्षेत्रपाल बाबा की आरती, Kshetrapal dada ni Aarti all of this search result is Here. क्षेत्रपाल बाबा की आरती, क्षेत्रपाल आरती Kshetrapal Baba ki Aarti in Hindi Lyrics is as given below - करूं आरती क्षेत्रपाल की, जिन पद सेवक रक्षपाल की । विजयवीर अरु मणिभद्र की, अपराजित भैरव आदि की ।। करूं आरती क्षेत्रपाल की, जिन पद सेवक रक्षपाल की। ।   शिखर मणिमय मुकुट विराजै, कर में आयुध त्रिशुल जुराजै। कूकर वाहन शोभा भारी, भूत – प्रेत दुष्टन भयकारी ।। करूं आरती क्षेत्रपाल की, जिन पद सेवक रक्षपाल की ।। लंकेश्वर ने ध्यान जो कीना, अंगद आदि उपद्रव कीना । जभी आपने रक्षा कीनी, उपद्रव टारि शांतिमय कीनी ।। करूं आरती क्षेत्रपाल की, जिन पद सेवक रक्षपाल की ।।   जिन भक्तन की रक्षा करते, दुःख दारिद्र सभी भय हरते । पुत्रादि वांछा पूरी करते, मनोकामना पूरी करत...