Skip to main content

Arahnath Chalisa | अरहनाथ भगवान चालीसा

Arahnath Chalisa | अरहनाथ चालीसा

If you are Interested to read 24 Jain Tirthankar Argh of each separate one then you can simply Click Here 

Arahnath Bhagwan 

Arahnath Bhagwan Chalisa full lyrics in Hindi is as given below -

( श्री अरहनाथ भगवान चालीसा प्रारंभ )

दोहा -
अरहनाथ भगवान हैं, तीनलोक के नाथ।
ध्यानचक्र से मृत्यु को, किया पराजित आप।१।।
हस्तिनागपुर तीर्थ पर, हुए चार कल्याण।
गर्भ-जन्म-तप और है, चौथा केवलज्ञान।।२।।
अरहनाथ तीर्थेश भी, त्रयपदवीयुत नाथ।
तीर्थंकर-चक्री तथा कामदेव जगमान्य।।३।।
इनके ही गुणगान में, यह चालीसा पाठ।
लिखने की इच्छा हुई, कृपा करो श्रुतमात।।४।।

चौपाई -
अरहनाथ तीर्थंकर तुमने, अरि को नष्ट किया तप बल से।।१।।
अरि कहते हैं कर्मशत्रु को, प्रभु ने नाशा सब कर्मों को।।२।।
हस्तिनागपुर नगरी उत्तम, इन्द्रपुरी लगती सुन्दरतम।।३।।
पिता सुदर्शन धन्य कहाते, देवों द्वारा पूजा पाते।।४।।
उनकी रानी प्रभु की माता, नाम मित्रसेना विख्याता।।५।।
फाल्गुन बदि तृतिया तिथि मंगल, हुआ प्रभू का गर्भकल्याणक।।६।।
नौ महिने के बाद मात ने, मगसिर शुक्ला चतुर्दशी में।।७।।
पुत्ररत्न उत्पन्न किया था, जन-जन को आनन्द हुआ था।।८।।
आयु चौरासी सहस वर्ष की, ऊँचाई थी तीस धनुष की।।९।।
वर्ण आपका स्वर्ण सदृश था, देख स्वर्ण होता लज्जित था।।१०।।
अट्ठारवें तीर्थंकर तुम हो, चौदहवें तुम कामदेव हो।।११।।
सप्तम चक्रवर्ति भी स्वामी, तीन पदों से जग में नामी।।१२।।
कहते हैं तीर्थंकर जैसा, पुण्य किसी का नहिं हो सकता।।१३।।
चक्रवर्ति के जैसा वैभव, नहीं किसी के पास सुलभ है।।१४।।
सुन्दरता भी कामदेव सी, नहीं किसी में दिख सकती है।।१५।।
पर ये तीनों दुर्लभ पदवी, अरहनाथ में एक साथ थीं।।१६।।
एक दिवस श्री अरहनाथ जी, सुख से बैठे महल की छत पर।।१७।।
तभी शरद ऋतु के मेघों को, नष्ट हुआ देखा था प्रभु ने।।१८।।
तत्क्षण प्रभु के मन-उपवन में, समा गया वैराग्य हृदय में।।१९।।
मगसिर शुक्ला दशमी तिथि थी, जब प्रभुवर ने दीक्षा ली थी।।२०।।
पहुँचे प्रभु जी नगर चक्रपुर, वहाँ के राजा थे अपराजित।।२१।।
दिया प्रथम आहार उन्होंने, पंचाश्चर्य किए देवों ने।।२२।।
दीक्षा के पश्चात् प्रभू ने, सोलह वर्ष किया तप वन में।।२३।।
गए पुन: वे दीक्षावन में, तिष्ठे आम्रवृक्ष के नीचे।।२४।।
चार घातिया कर्म नशे थे, अनंत चतुष्टय प्रगट हुए थे।।२५।।
समवसरण के द्वारा प्रभु ने, धर्मवृष्टि की पूरे जग में।।२६।।
पुन: आयु जब इक महिने की, शेष रही तब अरहनाथ जी।।२७।।
गिरि सम्मेदशिखर पर पहुँचे, वहाँ शेष सब कर्म नशे थे।।२८।।
चैत्र कृष्ण मावस तिथि प्यारी, प्रभु जी हो गए शिवभरतारी।।२९।।
तनविरहित अशरीरी हो गये, अष्टकर्म से रहित हो गए।।३०।
चिन्ह आपका मत्स्य सुशोभे, प्रभु का सुमिरन सब दुख खोवे।।३१।।
प्रभो! आपमें गुण अनन्त हैं, कुछ ही गुण का यहँ वर्णन है।।३२।।
नाथ! आपका रूप निराला, दर्शक को सुख करने वाला।।३३।।
नाथ! आपकी वाणी ऐसी, मिथ्यामति को सम्यक् करती।।३४।।
नाथ! आपका हास्य मंद है, देख के मिलता सुख अनन्त है।।३५।।
नाथ! आपका तेज है ऐसा, सूरज को भी लज्जित करता।।३६।।
नाथ! आपकी यशकीर्ती तो, फीकी करती कोटि चन्द्र को।।३७।।
नाथ! आपकी शांति देखकर, बैर छोड़ते व्रूâर जीवगण।।३८।।
इच्छा तो है खूब कहूँ मैं, पर शब्दों को लाऊँ कहाँ से ?।।३९।।
मिलेगा जब भण्डार शब्द का, करेंगे हम गुणगान ‘‘सारिका’’।।४०।।

शंभु छंद -
यह अरहनाथ का चालीसा, चालिस दिन तक पढ़ना भव्यों!।
यदि समय मिले तो चार नहीं, चालीसहिं बार पढ़ो इसको।।
यह निश्चित है तब इक दिन कर्म-अरी का नाश करोगे तुम।
क्योंकी प्रभु भक्ती करने से, कार्यों की सिद्धी होती सब।।१।।
इक दिव्यशक्ति गणिनी माताश्री ज्ञानमती जी ख्यात यहाँ।
उनकी शिष्या चन्दनामती जी, आर्षमार्ग संरक्षिका हैं।।
यह उनकी दिव्यप्रेरणा एवं आशिर्वाद का ही है फल।
इसको पढ़कर तुम अपना दुर्लभ मानव जीवन करो सफल।।२।।
( समाप्त )

If you are interested for Jain quotes, jain status and download able jain video status then you can simply Click Here

You can read Barah Bhavna lyrics by simply Clicking Here
You can also read Meri Bhavna Lyrics simply by Clicking Here

Hopefully this Article will be helpful for you. Thank you 

Popular posts from this blog

Kshetrapal Chalisa | क्षेत्रपाल चालीसा | Kshetrapal Bhairav Chalisa | Kshetrapal Chalisa Lyrics

Kshetrapal Chalisa | क्षेत्रपाल चालीसा | Kshetrapal Chalisa Lyrics | Kshetrapal Chalisa in Hindi   Here we have provided full lyrics of Shri Kshetrapal Bhairav Chalisa ( क्षेत्रपाल चालीसा ) in Hindi Language. Here we upload all type of Jainism related Content and Information such as Jain stavan, jain status, jain stuti, jain lyrics for Jain Community.  Kshetrapal Bhairav baba chalisa in hindi  Kshetrapal Baba chalisa( क्षेत्रपाल चालीसा ) lyrics in Hindi is as given below - ( श्री क्षेत्रपाल चालीसा प्रारंभ ) दोहा - क्षेत्रपाल महाराज को, मन मंदिर में ध्याय | लिखने का साहस करूं, चालीसा सुखदाय ||१|| विघ्नहरण मंगलकरण, क्षेत्रपाल महाराज | करूं भक्ति श्रद्धा सहित, पूर्ण करो सब काज ||२|| चौपाई - जैनधर्म प्राकृतिक कहाया,ग्रन्थ पुराण में है बतलाया ||१|| उसमें वर्णित कई वाक्य हैं,तीर्थंकर प्रभु वचन सार्थ हैं ||२|| हुए पूज्य आचार्य हमारे,उन वचनों को मन में धारें ||३|| पुनः प्राणि हित बतलाया है,जिसने उसको अपनाया है ||४|| वह समयग्दृष्टी कहलाया,ऊर्ध्वगती को उसने पाया ||५|| पूज्यपाद आचार्य एक हैं,क

Padmavati Chalisa | पद्मावती चालीसा

Padmavati Chalisa | Padmavati Chalisa Lyrics | पद्मावती चालीसा जैन Here we have provided full lyrics of Jain Chalisa - Padmavati Mata Chalisa, Padmavati Chalisa (पद्मावती चालीसा) in Hindi language to read and share. Here we upload all type of Jainism related content and information for Jain Community such as Aarti, Jain stavan, Jain Bhajan, Jain stuti, jain stavan lyrics, jain HD wallpapers and much more. If you are Interested to read 24 Jain Tirthankar Argh of each separate one then you can simply  Click Here   If you are interested to read Any of Jain Tirthankar Chalisa then you can simply  Click Here  then you will be redirect to all Jain Tirthankar Chalisa Page and then you can read any of them. Padmavati Chalisa | पद्मावती चालीसा Padmavati Chalisa ( पद्मावती चालीसा ) full lyrics in Hindi - ( पद्मावती माता चालीसा प्रारंभ ) दोहा - पार्श्वनाथ भगवान को मन मंदिर में ध्याय | लिखने का साहस करूं चालीसा सुखदाय ||!|| उन प्रभुवर श्री पार्श्व की, यक्षी मात महान | पद्मावति जी नाम है, सर्व गुणो

Chattari Mangalam lyrics | चत्तारि मंगल पाठ | Namokar Mantra

Namokar Mantra | Navkar Mantra | Namokar Mantra Chattari Mangalam Jain Namokar Mantra or Navkar Mantra or Namokar Mahamantra with Chattari Mangalam, Arihant Mangalam. Here we have given it below in Hindi, Prakrit and English Lyrical Languages If you are Interested to read 24 Jain Tirthankar Argh of each separate one then you can simply  Click Here   Chattari Mangalam arihanta mangalam Namokar Mantra Chattari Mangalam full lyrics is as given below -  णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आयरियाणं णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्व साहूणं एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं चत्तारिमंगलम अरिहंत मंगल़, सिद्ध मंगलं, साहु मंगलं, केवलीपण्णत्तो धम्मो मंगलं। चत्तारि लोगुत्तमा अरिहंत लोगुत्तमा, सिद्ध लोगुत्तमा, साहु लोगुत्तमा, केवलीपण्णत्तो धम्मो लोगुत्तमा। चत्तारि सरणं पव्वज्जामि अरिहंत सरणं पव्वज्जामि, सिद्ध सरणं पव्वज्जामि, साहु सरणं पव्वज्जामि, केवलीपण्णत्तो धम्मो सरणं पव्वज्जामि। Chattari Mangalam lyrics in Hindi  Namokar Mantra Chattari Mangalam full